रुद्रप्रयाग: गुरुवार सुबह ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर घोलतीर के पास एक टेंपो-ट्रैवलर अनियंत्रित होकर अलकनंदा नदी में गिर गया, जिसमें चालक सहित 19 यात्री सवार थे। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि कई यात्री लापता हैं।
पुलिस, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।वाहन में राजस्थान के उदयपुर से आए एक परिवार के 17 लोग सवार थे, जो केदारनाथ दर्शन के बाद बदरीनाथ जा रहे थे।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि अब तक नौ लोगों को रेस्क्यू किया गया है, जिनमें एक महिला सहित दो की मौत हो चुकी है। आठ घायलों को जिला चिकित्सालय भेजा गया, जिनमें कई बच्चे शामिल हैं। तीन गंभीर घायलों को एयरलिफ्ट किया गया है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के दौरान तीन यात्री वाहन से छिटककर बाहर गिर गए, जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया। एक शव नदी के तेज बहाव में बहकर शिवपुरी तक पहुंचा, जिसे रेस्क्यू किया गया। बाकी यात्रियों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन तेज है, लेकिन नदी का तेज बहाव और दुर्गम इलाका बचाव कार्य में बाधा डाल रहा है।
रुद्रप्रयाग टेंपो-ट्रैवलर हादसा: घायलों का विवरण
रुद्रप्रयाग: गुरुवार सुबह ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर घोलतीर के पास हुए टेंपो-ट्रैवलर हादसे में आठ लोग घायल हुए हैं। वाहन के अलकनंदा नदी में गिरने से दो लोगों की मौत हो चुकी है।
घायलों का विवरण निम्नलिखित है:
दीपिका सोनी, 42 वर्ष, निवासी सिरोही मीना वास, राजस्थान।हेमलता सोनी, 45 वर्ष, निवासी प्रताप चौक, गोगुण्डा, राजस्थान।ईश्वर सोनी, 46 वर्ष, निवासी ई-202, पर्वत सिलिकॉन पैलेस, नियर अर्चना स्कूल, गुजरात।अमिता सोनी, 49 वर्ष, निवासी 701-702, बिल्डिंग नं. 3, मीरा रोड, महाराष्ट्र।सोनी भावना ईश्वर, 43 वर्ष, निवासी ई-202, पर्वत सिलिकॉन पैलेस, नियर अर्चना स्कूल, गुजरात।भव्य सोनी, 07 वर्ष, निवासी ई-202, सिलिकॉन पैलेस, बाम्बे मार्केट, नियर अर्चना स्कूल, गुजरात।पार्थ सोनी, 10 वर्ष, निवासी वार्ड नं. 11, राजगढ़, वीर सावरकर मार्ग, ग्राम राजगढ़, मध्य प्रदेश।सुमित कुमार (चालक), 23 वर्ष, निवासी बैरागी कैम्प, हरिद्वार।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि घायलों को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है, जिनमें तीन को गंभीर हालत में एयरलिफ्ट किया गया। एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन नदी के तेज बहाव के बीच सर्च ऑपरेशन में जुटे हैं, लेकिन दुर्गम इलाके के कारण बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं।