उत्तराखंड: मंडी समितियों की संपत्तियों की बिक्री-लीज के खिलाफ कर्मचारियों का बड़ा प्रदर्शन, आंदोलन तेज करने की चेतावनी

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मंडी निदेशालय गेट पर कर्मचारी संघों का सांकेतिक धरना, मांगें पूरी न होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी

रुद्रपुर। उत्तराखंड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड कर्मचारी संघ और मंडी समिति कर्मचारी संघ ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार सुबह मंडी निदेशालय गेट पर सांकेतिक धरना दिया। दोनों संघों के बैनर तले कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें शीघ्र पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में मंडी समितियों की दुकानों और परिसंपत्तियों को लीज या फ्री-होल्ड करने, अन्य विभागों के कर्मचारियों को मंडी विभाग में समायोजित करने, और बोर्ड की निधि को अन्य मदों में व्यय करने के प्रस्तावों का विरोध शामिल रहा। इसके अलावा, उन्होंने मंडी अधिनियम के अनुरूप प्रस्तावों को पारित करने, बिना समीक्षा के प्रस्तावों को वापस कार्यालय भेजने और शासन की स्वीकृति के लिए प्रस्तावों को सरकार को भेजने की मांग की।

प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने मंडी समितियों की संपत्तियों को अवैध रूप से फ्री-होल्ड या लीज पर देने के प्रयासों का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि परिषद और बोर्ड की निधि को अन्य कार्यों में खर्च करना अनुचित है और इसे रोका जाना चाहिए। कर्मचारियों ने यह भी मांग की कि मंडी विभाग में अन्य विभागों के कर्मचारियों का समायोजन तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए।

धरने में उत्तराखंड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद और मंडी समिति कर्मचारी संघ के अध्यक्ष कुलदीप नौटियाल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए। प्रदर्शन में चंद्र शेखर, विश्व विजय सिंह देव, ब्रजेश कांडपाल, एसके नैय्यर, रविंद्र कुमार सहित कई अन्य कर्मचारी भी मौजूद रहे।

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