समुदाय की प्राचीन परंपरा फिर सुर्खियों में, सुनीता चौहान ने प्रदीप और कपिल नेगी से की शादी, सोशल मीडिया पर वायरल।
हिमाचल। प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई गांव में हाटी समुदाय की ‘जोड़ीदार’ (उजला पक्ष) परंपरा के तहत दो सगे भाइयों, प्रदीप और कपिल नेगी, ने कुन्हट गांव की सुनीता चौहान से विवाह कर सबका ध्यान खींचा। 12 से 14 जुलाई तक चले इस समारोह में ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ शादी संपन्न हुई। अंतिम दिन दोनों दूल्हे अपनी दुल्हन के साथ मंच पर दिखे, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं।
शिक्षित परिवार, आपसी सहमति:
प्रदीप जल शक्ति विभाग में कार्यरत हैं, जबकि कपिल विदेश में नौकरी करते हैं। सुनीता ने कहा, “यह मेरा स्वतंत्र निर्णय था, कोई दबाव नहीं था। मुझे इस परंपरा पर गर्व है।” दोनों भाइयों ने भी इसे सहमति और विश्वास का रिश्ता बताया। हाटी समुदाय में यह परंपरा संयुक्त परिवार को बनाए रखने और पुश्तैनी जमीन के बंटवारे को रोकने के लिए शुरू हुई थी, जिसे पांडवों की द्रौपदी प्रथा से जोड़ा जाता है।
परंपरा का महत्व:
सिरमौर के ट्रांस-गिरी और उत्तराखंड के जौनसार-बावर क्षेत्रों में कभी आम रही यह प्रथा अब शिक्षा और आर्थिक प्रगति के कारण कम हो रही है। 1970-80 के दशक के बाद ऐसी शादियां दुर्लभ हो गईं। हिमाचल के राजस्व कानून इसे ‘जोड़ीदार’ के रूप में मान्यता देते हैं। हाटी समुदाय, जिसे तीन साल पहले अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिला, इसे अपनी सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा मानता है।
सोशल मीडिया पर चर्चा:
शादी ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। कुछ लोग इसे सांस्कृतिक विरासत का सम्मान मानते हैं, तो कुछ आधुनिक समय में इसे अस्वीकार्य बता रहे हैं। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि ऐसी शादियां अब कम होती हैं, लेकिन समाज इसे स्वीकार करता है।
विशेषज्ञों का दृष्टिकोण:
केंद्रीय हाटी समिति के महासचिव कुंदन सिंह शास्त्री के अनुसार, यह परंपरा पांडव संस्कृति से प्रेरित है, जो विश्वास और पारिवारिक एकता पर आधारित है। हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री वाई.एस. परमार ने भी इस पर शोध किया था।
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