नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार के प्रसिद्ध चंडी मंदिर का प्रबंधन अगले आदेश तक श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) को सौंप दिया है। साथ ही, मंदिर के चढ़ावे की चोरी के मामले में रीना बिष्ट की अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार कर उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई की, जिसमें हरिद्वार के डीएम और एसएसपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहे। रीना बिष्ट ने याचिका में कहा कि वह चंडी मंदिर के तत्कालीन महंत रोहित गिरी की पत्नी हैं। रोहित ने रीना को बताया था कि उसकी पहली शादी ऋषिकेश के भटट परिवार में हुई थी, लेकिन पति ने उसे बिना तलाक मारपीट कर छोड़ दिया। बाद में रीना ने एक तलाकशुदा एमबीबीएस डॉक्टर से शादी की, जिसने भी उसे उपेक्षित किया।
रोहित ने रीना को अपने घर में रखा। 2022 में रीना को रोहित की डायरी में 5.50 लाख रुपये की एफडी का जिक्र मिला, जिसके बारे में रोहित ने बताया कि रीना ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाकर वीडियो बना लिया था, इसलिए उसे पैसे दिए। जनवरी 2025 में रीना और रोहित की बेटी का जन्म हुआ।14 मई 2025 को पंजाब पुलिस ने रोहित गिरी को छेड़छाड़ के मामले में गिरफ्तार किया।
इस दौरान रीना को मंदिर के चढ़ावे की चोरी के फर्जी मामले में फंसाने और आजीवन ट्रस्टी पद से त्यागपत्र देने का दबाव बनाया गया। उनके भाई के स्कूल की फीस और बैंक से निकाले 4.25 लाख रुपये को मंदिर की चोरी का हिस्सा बताकर हंगामा किया गया
कोर्ट की नाराजगी: जस्टिस थपलियाल ने मंदिर की पवित्रता से खिलवाड़ पर सख्त नाराजगी जताई। समस्त सम्बंधित लोगों के मंदिर परिसर में प्रवेश पर रोक लगाने की जरुरत बताई। उन्होंने कहा कि ये कैसे महंत हैं जो शादी शुदा होते हुए भी दूसरी जगह लिव इन में रह रहे हैं और तीसरी जगह महिला से छेड़छाड़ में कहीं जेल में बंद हैं। उन्होंने कहा कि वे मंदिर की पवित्रता से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे।