सितारगंज में रिश्वतखोरी पर सख्ती: आंगनबाड़ी कार्यकर्ती कमलेश 2,000 रुपये घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

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सितारगंज। मुख्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ती कमलेश को सतर्कता अधिष्ठान हल्द्वानी की ट्रैप टीम ने 2,000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई शिकायतकर्ता की टोल-फ्री नंबर 1064 पर दर्ज शिकायत के बाद हुई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कमलेश और राजकीय कन्या इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल ने शिकायतकर्ता की बहन की 40,000 रुपये की स्कॉलरशिप के लिए क्रमशः 10,000 और 2,000 रुपये रिश्वत मांगी।
शिकायतकर्ता की बहन ने 2024 में राजकीय कन्या इंटर कॉलेज, सितारगंज से इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। इसके लिए उसे महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की “नंदा गौरा योजना” के तहत 40,000 रुपये की स्कॉलरशिप मिलनी थी, जो 28 मार्च 2025 को उसके खाते में जमा हो चुकी थी। स्कॉलरशिप फॉर्म के लिए स्कूल की प्रिंसिपल और आंगनबाड़ी कार्यकर्ती कमलेश के प्रमाणपत्र की जरूरत थी। कमलेश ने प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर के लिए रिश्वत मांगी और स्कॉलरशिप राशि जमा होने के बाद भी शिकायतकर्ता को 2,000 रुपये देने के लिए धमकाया। उसने भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ न देने और स्कॉलरशिप राशि रद्द कराने की धमकी भी दी।
शिकायत की प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए जाने पर पुलिस उपाधीक्षक अनिल सिंह मनराल के पर्यवेक्षण में सतर्कता अधिष्ठान हल्द्वानी ने तत्काल एक ट्रैप टीम गठित की। 05 मई को कमलेश, पत्नी नन्हे सिंह गौतम, निवासी वार्ड नं. 06, शिशु मंदिर के पास, सितारगंज, को अपने घर के बाहर शिकायतकर्ता से 2,000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। कमलेश मुख्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ती के रूप में वार्ड नं. 04, सितारगंज में कार्यरत थी।

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