चमोली जिले के दरीनाथ के पास स्थित माणा गांव में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के शिविर पर हुए हिमस्खलन में लापता चारों मजदूरों के शव रविवार को बरामद हो गए। इसके साथ ही इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई। रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि आखिरी लापता मजदूर का शव भी मिल गया है और इसके साथ ही माणा गांव में चलाया जा रहा बचाव अभियान संपन्न हो गया।
भारत-चीन सीमा पर करीब 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित माणा गांव में हिमस्खलन के कारण बीआरओ शिविर में आठ कंटेनरों में रह रहे 54 मजदूर बर्फ में फंस गए थे। हालांकि, पहले फंसे मजदूरों की संख्या 55 बताई जा रही थी, लेकिन एक मजदूर के हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित अपने घर सुरक्षित पहुंचने की सूचना मिलने के बाद यह संख्या 54 रह गई।
सेना के चिकित्सकों के अनुसार, पहले बाहर निकाले गए 46 श्रमिकों को ज्योतिर्मठ के सैनिक अस्पताल लाया गया है। इनमें से रीढ़ की हड्डी की चोट से पीड़ित एक श्रमिक को हवाई एंबुलेंस के जरिए बेहतर उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश भेज दिया गया है। लेफ्टिनेंट कर्नल डीएस मल्ध्या ने बताया कि अस्पताल में भर्ती तीन मजदूरों की स्थिति गंभीर है।
चमोली डीएम डॉ. संदीप तिवारी ने कहा कि ऑपरेशन रविवार शाम 5.30 बजे पूरा हुआ और परियोजना स्थल पर फंसे 54 सीमा सड़क संगठन श्रमिकों में से 46 को सुरक्षित बचा लिया गया है। 8 लोग हताहत हुए हैं। जिला प्रशासन को केंद्र सरकार और राज्य सरकार से पूरा सहयोग मिला, जिसकी वजह से यह ऑपरेशन सफल रहा।