हल्द्वानी। धान खरीद को और अधिक पारदर्शी व निष्पक्ष बनाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इस बार धान खरीद में बायोमेट्रिक मशीनों का उपयोग किया जाएगा, जिसके लिए 700 मशीनों का ऑर्डर दिया जा चुका है। सूत्रों के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य धान खरीद में होने वाली अनियमितताओं और धांधली पर रोक लगाना है।
लंबे समय से धान खरीद में फर्जीवाड़े के आरोप लगते रहे हैं। कुछ राइस मिलर्स और अधिकारियों की मिलीभगत से कागजों पर फर्जी खरीद दिखाने की शिकायतें सामने आती रही हैं। इन समस्याओं को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार ने बायोमेट्रिक सत्यापन को अनिवार्य करने का फैसला किया है। इसके तहत किसानों की पहचान आधार कार्ड और फिंगरप्रिंट के जरिए होगी, जिसके बाद ही धान की खरीद की जाएगी।
विभाग ने इस प्रक्रिया की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार कर ली है। बायोमेट्रिक मशीनों के उपयोग से न केवल धान खरीद में पारदर्शिता आएगी, बल्कि किसानों का भरोसा भी बढ़ेगा। यह कदम धान खरीद प्रणाली में एक नया अध्याय जोड़ेगा, जिससे वास्तविक किसानों को उनका हक मिल सकेगा।