हल्द्वानी। अधिवक्ता उमेश नैनवाल की हत्या से जुड़ी पूरनपुर नैनवाल स्थित 18.5 हेक्टेयर विवादित भूमि पर शनिवार को राजस्व विभाग ने कब्जा कर लिया। भूमि पर कब्जे के संबंध में चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए। हालांकि, खड़ी फसल को देखते हुए बटाईदार को फसल काटने तक की मोहलत दी गई है।
हत्या के बाद चर्चा में आई थी जमीन
पिछले साल 7 अक्टूबर को कमलुवागांजा में रामलीला के दौरान पूरनपुर नैनवाल निवासी अधिवक्ता उमेश नैनवाल (45) की उनके सौतेले भाई ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के पीछे दोनों भाइयों के बीच 24 बीघा जमीन को लेकर चल रहा विवाद मुख्य कारण बताया गया था। इस जमीन की बाजारी कीमत करोड़ों रुपये आंकी गई थी।
जांच में खुलासा: जमीन थी हेमचंद्र कमलापति के नाम
राजस्व विभाग ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि विवादित भूमि हेमचंद्र कमलापति के नाम दर्ज है। एसडीएम परितोष वर्मा ने बताया, “दस्तावेजों की जांच में हेमचंद्र के कोई कानूनी वारिस नहीं मिले। इसके बाद नोटिस जारी कर कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई।” शनिवार को एसडीएम और तहसीलदार सचिन कुमार की मौजूदगी में भूमि की पैमाइश कराई गई, जिसके बाद राजस्व अधिकारियों ने उस पर कब्जा जमा लिया।
बटाईदार को फसल काटने की मोहलत
एसडीएम वर्मा ने स्पष्ट किया कि भूमि पर खड़ी फसल की कटाई तक बटाईदार को अनुमति दी गई है, लेकिन इसके बाद कोई भी खेती या निर्माण गैरकानूनी माना जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी, “अगर कोई जमीन पर कब्जा करने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”
प्रशासन की सख्त निगरानी
राजस्व विभाग ने भूमि के दोनों ओर चेतावनी बोर्ड लगवाकर स्पष्ट कर दिया है कि अब यह जमीन सरकार के अधीन है। प्रशासन ने क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में अब आगे की कार्रवाई राजस्व रिकॉर्ड और कानूनी प्रक्रियाओं के आधार पर होगी।