गोरखपुर। भारतीय रेलवे ने वेटिंग लिस्ट टिकटों की स्वत: अपग्रेड प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब स्लीपर श्रेणी के टिकट को फर्स्ट AC (1A) में अपग्रेड नहीं किया जाएगा, भले ही उच्च श्रेणी में स्थान उपलब्ध हों। यह बदलाव रिजर्व कोचों में सीट वितरण को व्यवस्थित करने और उच्च श्रेणी के डिब्बों में भीड़ नियंत्रित करने के लिए किया गया है। सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम (CRIS) इस नए नियम को लागू करने के लिए अपने सॉफ्टवेयर को अपडेट कर रहा है।
दो श्रेणी तक ही अपग्रेड की अनुमति
नए नियम के तहत, वेटिंग लिस्ट टिकट अब केवल दो श्रेणी ऊपर तक अपग्रेड किए जाएंगे। उदाहरण के लिए, स्लीपर (SL) टिकट को अधिकतम थर्ड AC (3A) या सेकंड AC (2A) में अपग्रेड किया जा सकता है, लेकिन फर्स्ट AC (1A) में नहीं। इसी तरह, थर्ड AC (3A) टिकट को अधिकतम फर्स्ट AC (1A) तक अपग्रेड किया जा सकता है। पहले, स्लीपर या अन्य निचली श्रेणी के वेटिंग टिकट को उपलब्धता के आधार पर फर्स्ट AC तक अपग्रेड किया जा सकता था।
स्वत: अपग्रेड की शर्तें
स्वत: अपग्रेड सुविधा केवल तभी लागू होगी, जब यात्री ने टिकट बुकिंग के समय इस विकल्प को चुना हो या इसे डिफॉल्ट ‘हां’ पर छोड़ा हो। यदि यात्री ने स्पष्ट रूप से ‘नहीं’ चुना है, तो टिकट अपग्रेड नहीं होगा, भले ही उच्च श्रेणी में स्थान उपलब्ध हों। बुकिंग के समय कोई विकल्प न चुनने पर सिस्टम इसे डिफॉल्ट रूप से ‘हां’ मान लेता है। वरिष्ठ नागरिक और निचली बर्थ के लिए आवेदन करने वाले यात्री भी इस सुविधा के पात्र हैं, लेकिन अपग्रेड होने पर निचली बर्थ की गारंटी नहीं होगी।
PNR और किराया वापसी नियम
अपग्रेड होने पर टिकट का PNR नंबर वही रहेगा, जिससे यात्री अपनी यात्रा का विवरण ट्रैक कर सकते हैं। यदि अपग्रेडेड टिकट रद्द किया जाता है, तो किराया वापसी मूल बुकिंग श्रेणी (जैसे स्लीपर) के आधार पर होगी, न कि अपग्रेडेड श्रेणी (जैसे 2A) के आधार पर।वेटिंग टिकट पर सख्ती, स्लीपर-AC में यात्रा पर रोक
1 मई से लागू नियमों के अनुसार, वेटिंग लिस्ट टिकट वाले यात्रियों को स्लीपर या AC डिब्बों में यात्रा की अनुमति नहीं होगी। ऐसे यात्री केवल सामान्य डिब्बे में सफर कर सकेंगे। यदि कोई यात्री वेटिंग टिकट पर स्लीपर या AC डिब्बे में यात्रा करता पाया जाता है, तो उस पर जुर्माना लगेगा।
स्लीपर डिब्बे के लिए 250 रुपये और AC डिब्बे के लिए 440 रुपये का जुर्माना देना होगा। इसके अलावा, यात्री को ट्रेन के शुरुआती स्टेशन से उस स्टेशन तक का किराया भी चुकाना होगा, जहां वह पकड़ा गया।
कन्फर्म न होने पर टिकट स्वत: रद्द
रेलवे के अनुसार, IRCTC के माध्यम से बुक किए गए वेटिंग टिकट कन्फर्म न होने पर स्वत: रद्द हो जाते हैं। हालांकि, काउंटर से बुक किए गए वेटिंग टिकट का दुरुपयोग कर यात्री ट्रेन में चढ़ जाते हैं, जिससे कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को असुविधा होती है।