दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि एक बार फिर विवादों में घिर गई है। केंद्र सरकार की कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने पतंजलि को पैसों के लेन-देन में कथित गड़बड़ियों के लिए नोटिस जारी किया है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी जांच एजेंसियों को पतंजलि के कई फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस संदिग्ध लगे हैं। मंत्रालय ने कंपनी को दो महीने के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है। जांच शुरुआती चरण में है, और संदिग्ध रकम का खुलासा अभी नहीं हुआ है।
जांच का आधार क्या है?
जांच एजेंसियों को पतंजलि के फंड डायवर्जन और कॉर्पोरेट गवर्नेंस नियमों के उल्लंघन की आशंका है। मंत्रालय इस बात की पड़ताल कर रहा है कि क्या कंपनी ने वित्तीय नियमों का पालन नहीं किया या फंड का दुरुपयोग किया गया। यह मामला पतंजलि की कारोबारी विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहा है।
शरबत विवाद में भी फंसे थे रामदेव
हाल ही में, अप्रैल 2025 में बाबा रामदेव एक अन्य विवाद में फंस गए थे। उन्होंने पतंजलि के शरबत की लॉन्चिंग के दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दावा किया था कि एक कंपनी अपने शरबत से होने वाली कमाई से मदरसे और मस्जिदें बनवाती है। रामदेव ने इसे “शरबत जिहाद” करार दिया था, जिसे उन्होंने “लव जिहाद” और “वोट जिहाद” से जोड़ा।
इस बयान के खिलाफ रूह अफजा शरबत बनाने वाली कंपनी हमदर्द ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हमदर्द की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि रामदेव का बयान धर्म के नाम पर हमला है और कंपनी की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला है।