नई दिल्ली।भारतीय सशस्त्र बलों ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए।
बुधवार सुबह 10:30 बजे नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी, वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह, और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी दी। यह पहली बार था जब सेना और वायुसेना की दो महिला अधिकारियों—एक मुस्लिम और एक हिंदू—ने संयुक्त रूप से ऐसी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत:
कॉन्फ्रेंस की शुरुआत ऑपरेशन सिंदूर का 2 मिनट का वीडियो दिखाकर की गई, जिसमें आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की कार्रवाई को प्रदर्शित किया गया। यह वीडियो भारतीय सशस्त्र बलों की सटीकता और तकनीकी क्षमता को दर्शाता है। ऑपरेशन देर रात 1:05 बजे से 1:30 बजे तक चला, जिसमें भारतीय वायुसेना ने राफेल जेट्स के साथ SCALP क्रूज मिसाइलों और AASM हैमर स्मार्ट बमों का उपयोग किया।
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की ब्रीफिंग:ऑपरेशन का उद्देश्य: कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि ऑपरेशन पहलगाम हमले में मारे गए 26 नागरिकों (25 भारतीय और 1 नेपाली) को न्याय दिलाने के लिए था। यह हमला जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति को बिगाड़ने और पर्यटन को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया था।
लक्षित ठिकाने: 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रशिक्षण केंद्र और लॉन्चपैड शामिल थे। इनमें शामिल हैं सवाई नाला, मुजफ्फराबाद (PoK): लश्कर का प्रशिक्षण केंद्र, जहां सोनमर्ग, गुलमर्ग, और पहलगाम हमलों के आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई।सैयदना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद: हथियार, विस्फोटक, और जंगल सर्वाइवल ट्रेनिंग का केंद्र। गुरपुर, कोटली (PoK): लश्कर का कैंप, जहां 2023 में पुंछ में श्रद्धालुओं पर हमले के आतंकी तैयार किए गए।बहावलपुर (पाकिस्तान): जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय।मुरीदके (पाकिस्तान): लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय।अन्य ठिकानों में सियालकोट, भिंबर, और बाघ शामिल हैं।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि ठिकानों का चयन विश्वसनीय खुफिया जानकारी और तकनीकी इनपुट के आधार पर किया गया। ऑपरेशन में बेगुनाह नागरिकों और नागरिक बुनियादी ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचाया गया। कोई भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा निशाना नहीं थी, जिससे यह कार्रवाई गैर-उत्तेजक रही।
