चमोली। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने मंगलवार को जिला आबकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया तो वहां का नजारा देखकर उनके होश उड़ गए। कार्यालय में न तो जिला आबकारी अधिकारी मौजूद थे और न ही कोई अन्य कर्मचारी। नए वित्तीय वर्ष में शराब की दुकानों के व्यवस्थापन जैसे महत्वपूर्ण काम को लेकर बुलाई गई बैठक के बावजूद, आबकारी अधिकारी दुर्गेश कुमार त्रिपाठी सहित सहायक लेखाकार धीरज भट्ट और कनिष्ठ सहायक मनीष रावत गायब मिले।
हैरानी की बात यह रही कि पूरे कार्यालय की जिम्मेदारी एक अकेले पीआरडी कर्मचारी के भरोसे छोड़ दी गई थी।डीएम संदीप तिवारी ने इस लापरवाही पर सख्त रुख अपनाते हुए तुरंत एक्शन लिया।
जिला आबकारी अधिकारी का एक दिन का वेतन रोककर उन्हें सर्विस ब्रेक दे दी गई, वहीं दोनों कर्मचारियों का भी एक दिन का वेतन काटा गया और उनकी वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई। डीएम ने कहा, “महत्वपूर्ण समय में कार्यालय का इस तरह खाली रहना बेहद चिंताजनक है। नए वित्तीय वर्ष में शराब की दुकानों का व्यवस्थापन होना है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी गायब हैं। इस मामले में हायर अथॉरिटी को कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा।