नैनीताल हाईकोर्ट का सख्त रुख: उत्तराखंड में अब तक आईपीएल मैच क्यों नहीं? क्रिकेट एसोसिएशन से मांगा जवाब, देहरादून-हल्द्वानी में जल्द हों अंतरराष्ट्रीय मुकाबले

खबर शेयर करें

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) से कड़ा सवाल किया है कि राज्य में अब तक एक भी आईपीएल मैच क्यों नहीं आयोजित किया गया।

शुक्रवार को सीएयू में अनियमितताओं से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने यह टिप्पणी की। कोर्ट ने अपेक्षा जताई कि देहरादून और हल्द्वानी में बने अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियमों में जल्द ही आईपीएल और अन्य अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच आयोजित किए जाएं। मामले की अगली सुनवाई के लिए 1 जुलाई 2025 की तारीख तय की गई है।

कोर्ट के निर्देश: स्टेडियम का उपयोग और एमओयू जरूरी
एकलपीठ ने कहा कि देहरादून और हल्द्वानी में अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम मौजूद हैं। सरकार और सीएयू के बीच एक समझौता पत्र (एमओयू) किया जाना चाहिए ताकि एसोसिएशन इन स्टेडियमों में अपनी गतिविधियां संचालित कर सके। इससे न केवल क्रिकेट का विकास होगा, बल्कि क्रिकेटर बनने के इच्छुक बच्चों को प्रशिक्षण का अवसर भी मिलेगा। कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया कि सीएयू उपाध्यक्ष पद के लिए बैठक आयोजित कर चुनाव प्रक्रिया पूरी कर सकता है।

याचिका और अनियमितताओं के आरोप
देहरादून निवासी संजय रावत और अन्य याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीएयू में कथित अनियमितताओं की शिकायत की थी। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने लोकपाल के समक्ष भी शिकायत दर्ज की थी, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को सूचित किया कि सीएयू ने 27 अप्रैल 2025 को विशेष आम बैठक का नोटिस जारी किया था, जो 19 मई 2025 को होनी थी। इस बैठक में पिछली वार्षिक आम बैठक के कार्यवृत्त की पुष्टि, उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव, और नए सदस्यों को शामिल करने जैसे मुद्दों पर चर्चा होनी थी।

लंबित जवाब और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह याचिका 2022 से लंबित है, लेकिन प्रतिवादियों ने अब तक जवाब दाखिल नहीं किया। उन्होंने सीएयू पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। इसके अतिरिक्त, 26 मार्च 2025 को हाईकोर्ट की एक अन्य बेंच ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि यदि संज्ञान लेने योग्य मामला बनता है, तो एफआईआर दर्ज की जाए। हालांकि, अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। याचिकाकर्ताओं ने यह भी बताया कि लोकपाल ने 15 मई 2025 को उनकी सदस्यता रद्द कर दी, जिसे उन्होंने कोर्ट में चुनौती दी।

गौलापार स्टेडियम पर भी कोर्ट की सख्ती
हाईकोर्ट ने गौलापार (हल्द्वानी) स्पोर्ट्स स्टेडियम को 24 घंटे के भीतर खोलने का आदेश दिया था, साथ ही क्रिकेट के नाम पर कथित घोटाले की जांच की मांग की थी। कोर्ट ने साफ किया कि इन स्टेडियमों का उपयोग क्रिकेट और अन्य खेल गतिविधियों के लिए सुनिश्चित किया जाए।

यह भी पढ़ें 👉  भाजपा ने प्रताप बिष्ट और कमल जिंदल को फिर से जिला अध्यक्ष नियुक्त किया