उत्तराखंड: जिला विकास प्राधिकरण पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, नेता प्रतिपक्ष ने की भंग करने की मांग

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देहरादून। उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने जिला विकास प्राधिकरण (DDA) पर संगठित भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने और जनता को परेशान करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण की स्थापना शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भवन नक्शों को सरलता से पास करने और जनता को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी, लेकिन आज यह वसूली केंद्र बनकर गरीबों के लिए अभिशाप बन गया है।

आर्य ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि प्राधिकरण की जटिल प्रक्रियाएं और भ्रष्ट व्यवहार जनता को त्राहिमाम करने पर मजबूर कर रहे हैं। छोटे दुकानदारों, बेरोजगार युवाओं और आम नागरिकों के छोटे-मोटे निर्माण कार्यों को बिना कारण सील कर दिया जाता है और उनसे मोटी रकम की उगाही की कोशिश की जाती है।

उन्होंने दावा किया कि हाल ही में एक भाजपा जनप्रतिनिधि ने भी सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि छोटे भवन नक्शों को पास करने के लिए अधिकारी दो-दो लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे हैं। रिश्वत न देने पर गरीबों के मकानों को सील करने की धमकियां दी जा रही हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि कई अधिकारी वर्षों से जिलों में जमे हुए हैं और सरकार के संरक्षण में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “चाहे नैनीताल हो, उधम सिंह नगर हो या गढ़वाल का कोई जिला, जिला विकास प्राधिकरणों में व्यवस्थित और संरक्षित भ्रष्टाचार पनप रहा है।

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