हल्द्वानी। एमबीपीजी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ उपसचिव करन अरोड़ा के नेतृत्व में एक साइबर ठगी का सनसनीखेज गिरोह बेनकाब हुआ है। इस रैकेट ने भोले-भाले लोगों के बैंक खातों का दुरुपयोग कर 1.20 करोड़ रुपये की ठगी की। करन और उसके दुबई में रहने वाले भाई प्रियांशु अरोड़ा ने मिलकर इस अंतरराष्ट्रीय जाल को फैलाया।
मंगलपड़ाव निवासी रमेश चंद्र, एक बेकरी कर्मचारी, के खाते में 1.20 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेनदेन सामने आया। नोएडा पुलिस की साइबर जांच से हल्द्वानी पुलिस को इसकी भनक लगी। रमेश ने बताया कि करन अरोड़ा ने उसे क्रिप्टोकरेंसी में मोटी कमाई का लालच देकर फर्जी चालू खाता खुलवाया, जिसमें ठगी की रकम जमा हुई।
गिरोह का जाल
यह गिरोह भोले लोगों के नाम पर फर्जी खाते खोलकर साइबर ठगी की रकम जमा करता था। करन और प्रियांशु के साथ बेकरी मालिक साजिद, अनस, हसनान, कैफ, रमीज, सिकंदर हुसैन, यूसुफ, वाजिद, मोनिस और नितिन अटवाल भी शामिल थे। यह नेटवर्क उत्तराखंड से लेकर अन्य राज्यों तक फैला था।
बनभूलपुरा पुलिस ने करन अरोड़ा सहित 13 लोगों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) (धोखाधड़ी) और 61(2) (आपराधिक साजिश) के तहत मुकदमा दर्ज किया। थाना प्रभारी नीरज भाकुनी ने कहा, “गिरोह संगठित था। हम फर्जी खातों और पीड़ितों की संख्या की जांच कर रहे हैं। जल्द ही सभी आरोपी पकड़े जाएंगे।”
दुबई का चौंकाने वाला कनेक्शनbकरन के भाई प्रियांशु ने दुबई से इस रैकेट को संचालित किया, जिसमें ठगी की रकम विदेशी खातों में ट्रांसफर की संभावना है। पुलिस इस अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की तह तक जाने में जुटी है।