गोपेश्वर। चमोली जिले के गोपेश्वर में एक सनसनीखेज घटनाक्रम ने सभी को हैरत में डाल दिया है। जिला अधिकारी डॉ. संदीप तिवारी और जिला आबकारी अधिकारी दुर्गेश्वर त्रिपाठी के बीच चल रहे तीखे विवाद के बीच अब एक नया और नाटकीय मोड़ सामने आया है। जिला आबकारी अधिकारी दुर्गेश्वर त्रिपाठी सहित उनके कार्यालय के दो कर्मचारी अचानक लापता हो गए हैं, जिसके बाद गोपेश्वर थाने में उनकी गुमशुदगी की तहरीर दर्ज की गई है। इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है और लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं।विवाद से शुरू हुई कहानीयह सब तब शुरू हुआ जब जिला आबकारी अधिकारी दुर्गेश्वर त्रिपाठी ने जिला अधिकारी डॉ. संदीप तिवारी पर अभद्रता का आरोप लगाया था।
सूत्रों के मुताबिक, दोनों के बीच तनातनी इतनी बढ़ गई थी कि त्रिपाठी ने अपना तबादला तक मांग लिया था। आबकारी विभाग के कर्मचारियों ने भी इस मामले में कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी थी। लेकिन अब यह विवाद एक रहस्यमयी गुमशुदगी में बदल गया है, जिसने प्रशासनिक गलियारों से लेकर आम जनता तक को चौंका दिया है।
थाने में दर्ज हुई तहरीर
गोपेश्वर थाने में राजस्व उप निरीक्षक चंद्र सिंह बुटोला ने तहरीर सौंपी, जिसमें बताया गया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है। तहरीर के अनुसार, जिला आबकारी अधिकारी दुर्गेश्वर त्रिपाठी (उम्र करीब 55 वर्ष), जो कुंड कॉलोनी के राजकीय आवास में रहते हैं, 31 मार्च 2025 से लगातार संपर्क से बाहर हैं और अपने कार्यालय से भी गायब हैं। इसके अलावा, आबकारी कार्यालय के सहायक लेखाकार धीरज भट्ट (उम्र 26 वर्ष) और कनिष्ठ सहायक मनीष रावत (उम्र 28 वर्ष) भी 1 अप्रैल 2025 की सुबह से लापता हैं। तीनों की गुमशुदगी को लेकर थानाध्यक्ष दीपक चौरसिया ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है।
रहस्य गहराया, सवाल बरकरार
इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह गुमशुदगी जिला अधिकारी के साथ विवाद से जुड़ी है? क्या तीनों ने जानबूझकर गायब होने का फैसला लिया, या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है? स्थानीय लोगों के बीच चर्चा है कि यह मामला सिर्फ प्रशासनिक तनाव तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कुछ और भी छिपा हो सकता है। कुछ का कहना है कि त्रिपाठी और उनके कर्मचारी दबाव में थे, तो कुछ इसे व्यक्तिगत कारणों से जोड़ रहे हैं।
पुलिस ने शुरू की तलाश
गोपेश्वर थानाध्यक्ष दीपक चौरसिया ने बताया, “हमें तहरीर मिली है और हमने तीनों की गुमशुदगी दर्ज कर ली है। उनकी तलाश के लिए टीम गठित कर दी गई है। हम हर पहलू की जांच कर रहे हैं।” पुलिस अब इन लापता अधिकारियों और कर्मचारियों के मोबाइल रिकॉर्ड, आखिरी लोकेशन और संभावित ठिकानों की पड़ताल में जुट गई है।
इलाके में सनसनी, प्रशासन पर दबाव
इस घटना ने न सिर्फ गोपेश्वर बल्कि पूरे चमोली जिले में सनसनी फैला दी है। प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतने बड़े अधिकारी और उनके कर्मचारी अचानक कहां गायब हो गए। क्या यह विवाद की परिणति है या कुछ और? लोग अब पुलिस जांच के नतीजों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।फिलहाल यह मामला एक अनसुलझी पहेली बना हुआ है, जिसका जवाब आने वाले दिनों में ही मिल सकेगा। तब तक गोपेश्वर की गलियों में यह रहस्यमयी गुमशुदगी चर्चा का सबसे गर्म विषय बनी रहेगी।