औरंगाबाद, बिहार: बिहार के औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र में अंधविश्वास की आड़ में एक दिल दहला देने वाला कांड सामने आया है। संतान प्राप्ति के लिए किए गए तांत्रिक अनुष्ठान में 65 वर्षीय बुजुर्ग युगल यादव की नरबलि दे दी गई। पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन मुख्य आरोपी तांत्रिक रामाशीष रिकियासन अभी फरार है। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि 2024 में तांत्रिक ने एक लड़के की बलि चढ़ाई थी।होलिका की आग में मिला धड़यह भयावह घटना 13 मार्च 2025 को सामने आई, जब गुलाब बिगहा गांव में होलिका दहन की राख से एक व्यक्ति का सिरविहीन धड़ बरामद हुआ। बाद में पता चला कि यह शव गुलाब बिगहा निवासी युगल यादव का था। युगल होलिका दहन के दिन घर से निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। परिजनों को शक था कि उन्हें होलिका की आग में जलाया गया।पुलिस ने खोला राजमामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अम्बरीश राहुल ने मदनपुर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी की अगुवाई में एक विशेष टीम गठित की। जांच में पूर्णाडीह गांव के पास होलिका दहन की सामग्री से युगल की हड्डियां मिलीं। घटनास्थल से उनकी चप्पल और पास की पुलिया पर खून के निशान भी बरामद हुए। सबूतों ने तांत्रिक रामाशीष रिकियासन के घर की ओर इशारा किया, लेकिन वह पुलिस के पहुंचने से पहले फरार हो गया।साले ने उगला सचपुलिस ने रामाशीष के साले धर्मेंद्र रिकियासन को हिरासत में लिया। कड़ाई से पूछताछ में उसने हत्याकांड का खुलासा किया और बताया कि यह नरबलि सुधीर पासवान के लिए की गई थी, जो अपनी पत्नी के लिए संतान चाहता था। धर्मेंद्र की निशानदेही पर युगल की साइकिल बरामद हुई। रात भर चले ऑपरेशन में पुलिस ने गेहूं के खेत से मृतक का सिर और पूर्णाडीह-मजरेठी के बीच नाले से हत्या में प्रयुक्त हथियार ‘पसुली’ ढूंढ निकाला।तांत्रिक का काला इतिहासपुलिस को पता चला कि रामाशीष ने 2024 में भी एक किशोर की बलि दी थी, जिसका शव कुएं में फेंक दिया गया था। चार अन्य आरोपियों और एक नाबालिग को भी गिरफ्तार किया गया है। फरार तांत्रिक की तलाश जारी है।अंधविश्वास का खतरनाक चेहरायह घटना समाज में अंधविश्वास की गहरी जड़ों को उजागर करती है, जो लोगों को ऐसी क्रूरता की ओर धकेलता है। पुलिस अब इस खौफनाक प्रथा को जड़ से खत्म करने की कोशिश में जुटी है।
सिर कटा, खून बिखरा: बिहार में तांत्रिक की खौफनाक नरबलि ने मचाया हड़कंप
