:हरिद्वार। का महाकुंभ 2021, जो आस्था और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है, एक बड़े कोविड टेस्टिंग घोटाले की वजह से सुर्खियों में आ गया। इस घोटाले ने न केवल सरकार के करोड़ों रुपये लूटे, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ किया।
अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 15 आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत चार्जशीट दाखिल कर सनसनी मचा दी है। लेकिन ट्विस्ट तब आया जब पता चला कि उत्तराखंड पुलिस की विशेष जांच दल (एसआईटी) ने केवल 5 आरोपियों के खिलाफ ही आरोपपत्र दाखिल किया था। अब आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने पुलिस की इस “छोटी” चार्जशीट की समीक्षा के आदेश दिए हैं।
क्या था यह घोटाला?
2021 में कोविड महामारी के बीच हरिद्वार में कुंभ मेला आयोजित हुआ। लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर रैपिड एंटीजन और आरटीपीसीआर टेस्ट कराए गए। लेकिन जुलाई 2021 में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ। निजी लैब्स ने फर्जी टेस्ट रिपोर्ट्स के आधार पर सरकार से करोड़ों रुपये वसूल लिए।
जिन लोगों के नाम और आधार कार्ड पर ये टेस्ट दर्ज थे, उनमें से कई तो कुंभ मेले में आए ही नहीं!पंजाब के एक शख्स ने इस घोटाले की पोल खोली। उनके मोबाइल पर एक टेस्ट का मैसेज आया, जबकि उन्होंने हरिद्वार में कोई टेस्ट कराया ही नहीं। इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और एसआईटी ने जांच शुरू की। लेकिन एसआईटी की जांच ने केवल 5 आरोपियों को ही कटघरे में खड़ा किया, जिसे अब कमजोर माना जा रहा है।
ईडी ने बदली कहानी
जब मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा तो ईडी ने कमान संभाली। दिल्ली, हरिद्वार, नोएडा और हिसार में कई लैब्स पर छापेमारी की गई। फर्जी बिल, लैपटॉप, फोन और 30.9 लाख रुपये नकद जब्त किए गए। ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज, नोवस पैथ लैब्स, डीएनए लैब्स, डॉ. लाल चंदानी और नलवा लैबोरेटरीज जैसी लैब्स ने एक लाख से ज्यादा फर्जी टेस्ट की रिपोर्ट्स बनाकर सरकारी खजाने को 3-4 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
ईडी ने 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, जिसमें मैक्स कॉरपोरेट के निदेशक शरद पंत और उनकी पत्नी मलिका पंत भी शामिल हैं।
पुलिस की चार्जशीट पर सवाल
जब ईडी ने 15 मुल्जिमों को पकड़ा तो सवाल उठा कि पुलिस ने केवल 5 लोगों को ही क्यों टारगेट किया? आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने अब इस “गड़बड़ी” की समीक्षा के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा, “तत्कालीन विवेचना अधिकारियों को बुलाया जाएगा और यह देखा जाएगा कि इतने कम लोग ही क्यों पकड़े गए। जरूरत पड़ी तो कोर्ट की अनुमति से नई चार्जशीट दाखिल की जाएगी।”