हरिद्वार। तहसील हरिद्वार में बुधवार को सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की टीम ने एक सनसनीखेज कार्रवाई को अंजाम देते हुए महिला पटवारी मोनू भारती उर्फ मोनिका के निजी सहायक अनुज कुमार को 4500 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई तहसील हरिद्वार के कार्यालय परिसर में की गई, जिसने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती का साफ संदेश दिया है।कैसे शुरू हुई कहानी?
शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने खैरवाला शाहपुर में अपनी पत्नी के नाम पर एक प्लॉट खरीदा था। इसके दाखिल-खारिज के लिए वह 2023 से महिला पटवारी मोनू भारती उर्फ मोनिका के चक्कर काट रहा था, लेकिन उसे बार-बार केवल आश्वासन ही मिले। आखिरकार, 9 अप्रैल 2025 को पटवारी ने अपने निजी सहायक अनुज कुमार के जरिए इस काम के लिए 4500 रुपये की रिश्वत की मांग की। शिकायतकर्ता ने रिश्वत देने से इनकार कर दिया और इसके बजाय सतर्कता अधिष्ठान के टोल-फ्री नंबर 1064 पर शिकायत दर्ज कराई।विजिलेंस का जाल और
शिकायत मिलते ही सतर्कता अधिष्ठान सैक्टर देहरादून की ट्रैप टीम हरकत में आई।
टीम ने पूरी योजना के साथ कार्रवाई को अंजाम दिया और 9 अप्रैल 2025 को तहसील हरिद्वार के कार्यालय परिसर में अनुज कुमार को 4500 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया। विजिलेंस की इस तेज-तर्रार कार्रवाई से तहसील में हड़कंप मच गया। गिरफ्तारी के बाद अनुज कुमार से पूछताछ शुरू की गई है, ताकि इस रिश्वतखोरी के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके।क्या है इस मामले का रोचक मोड़?
यह मामला इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि रिश्वत की मांग एक निजी व्यक्ति के जरिए की गई, जो महिला पटवारी का सहायक था। सवाल उठता है कि क्या यह केवल एक व्यक्ति की करतूत थी या इसके पीछे कोई बड़ा खेल चल रहा था? विजिलेंस की पूछताछ से कई और खुलासे होने की उम्मीद है।कानूनी कार्रवाई और संदेश
सतर्कता अधिष्ठान ने अभियुक्त के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। यह घटना भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाती है। साथ ही, आम लोगों को यह भरोसा दिलाती है कि टोल-फ्री नंबर जैसे माध्यमों से उनकी शिकायतें सुनी जाएंगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।