पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ जिले के बलुवाकोट में पुलिस ने नकली करेंसी के साथ चार लोगों को गिरफ्तार कर एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। 29 हजार रुपये के जाली नोटों के साथ पकड़े गए इन चारों आरोपियों में तीन दिल्ली से आए थे, जिन्होंने स्थानीय बाजार और नेपाल में नकली मुद्रा खपाने के लिए मुनस्यारी के एक युवक को अपने साथ मिलाया था।
पुलिस ने शुक्रवार शाम चेकिंग के दौरान मल्ली कुचिया (बलुवाकोट) में एक संदिग्ध कार से इन आरोपियों को दबोचा। कोर्ट में पेशी के बाद चारों को जेल भेज दिया गया है।
पकड़े गए आरोपियों की पहचान दिल्ली के दरियागंज निवासी समीर उल रहमान (28), चावड़ी बाजार निवासी आसिफ (21), चितलागेट निवासी शोएब (28) और मुनस्यारी निवासी नितिन (35) के रूप में हुई है। तलाशी में समीर के पास 500 रुपये के 14, आसिफ के पास 15, शोएब के पास 14 और नितिन के पास 15 नकली नोट बरामद हुए।
एसपी रेखा यादव ने बताया कि आरोपियों की कार सीज कर दी गई है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि दिल्ली में छपे 40 हजार रुपये के नकली नोट लेकर ये लोग धारचूला और नेपाल के बाजारों में इन्हें खपाने आए थे।
रहस्यमयी सवाल: 40 हजार के लिए 500 किमी का सफर?
हैरानी की बात यह है कि इतनी कम रकम के लिए ये आरोपी दिल्ली से 500 किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ क्यों आए? पुलिस और स्थानीय लोगों का मानना है कि मामला 40 हजार से कहीं बड़ा है। आरोपियों ने पर्यटन सीजन में मुनस्यारी और धारचूला के महंगे होटलों में एक सप्ताह से ज्यादा समय बिताया। एक छोटे होटल का किराया भी 2 हजार रुपये से अधिक होने के बावजूद, इनका खर्च 25 हजार से ऊपर पहुंचा। नेपाल के बाजारों में भी इन्होंने जमकर पैसे उड़ाए। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इन्होंने लाखों की नकली करेंसी भारत-नेपाल सीमा पर खपाई होगी।
पुलिस की चौकियों को चकमा कैसे?
दिल्ली से पिथौरागढ़ तक 150 से ज्यादा पुलिस चौकियां और बैरियर पार करने के बावजूद नकली नोटों की खेप का यहां पहुंचना सवाल खड़े कर रहा है। सख्त चेकिंग के दावों के बीच यह घटना पुलिस व्यवस्था पर भी उंगली उठाती है। हालांकि, पिथौरागढ़ पुलिस की सतर्कता से चारों आरोपी पकड़े गए।पहले भी बैंकों में मिले थे जाली नोटयह पहला मामला नहीं है। तीन महीने पहले कनालीछीना के ग्रामीण बैंक और पिथौरागढ़ के कुर्मांचल बैंक में 500-500 रुपये के नकली नोट मिल चुके हैं। इससे साफ है कि जिले में लंबे समय से जाली मुद्रा का खेल चल रहा है।
मोटे मुनाफे की लालच ने बनाया एजेंट
आरोपियों ने बताया कि दिल्ली में नकली नोटों की छपाई होती है और उन्हें मोटा कमीशन देकर बाजार में खपाने का काम सौंपा गया। पैसा कमाने की चाहत ने इन्हें मजदूर से नकली नोटों का एजेंट बना दिया। मुख्य आरोपी अभी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस जल्द ही दिल्ली भी रवाना होगी।
एसपी का बयान:
आरोपियों ने नेपाल तक नकली नोट पहुंचाए। कितनी करेंसी खपाई गई, इसकी जांच चल रही है। जहां-जहां ये गए, वहां टीमें भेजी गई हैं। बैंकों को नकली नोटों की पहचान के लिए अलर्ट किया गया है। मुख्य आरोपी तक पहुंचने के लिए पूरी चेन खंगाली जाएगी। – रेखा यादव, एसपी