देहरादून। उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (UPRNN) की देहरादून इकाई के पांच रिटायर्ड अधिकारियों के खिलाफ करीब 130 करोड़ रुपये की कथित वित्तीय अनियमितता के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। ये मामले 2018-19 से पहले के हैं और इनमें धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के आरोप शामिल हैं।
क्या था मामला –
UPRNN की देहरादून इकाई के अपर परियोजना प्रबंधक सुनील कुमार मलिक की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर यह मामला सामने आया। विभागीय जांच में करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितता का खुलासा हुआ। पुलिस ने पांच पूर्व अधिकारियों के खिलाफ छह अलग-अलग मामलों में मुकदमा दर्ज किया है।
इन सेवानिवृत्त अधिकारियों पर हुआ मुकदमा
शिव आसरे शर्मा (तत्कालीन प्रॉजेक्ट मैनेजर, आजमगढ़ निवासी) – तीन मामले
प्रदीप कुमार शर्मा (तत्कालीन प्रॉजेक्ट मैनेजर, दिल्ली निवासी) – पांच मामले
वीरेंद्र कुमार रवि (तत्कालीन सहायक लेखाधिकारी स्तर-2, बिजनौर निवासी) – तीन मामले
राम प्रकाश गुप्ता (पूर्व लेखाधिकारी, हरदोई निवासी) – दो मामले सतीश कुमार उपाध्याय (तत्कालीन स्थानिक अभियंता, प्रतापगढ़ निवासी) – एक मामला
ये हैं आरोप –
आपदा राहत केंद्रों के लिए जारी 4.28 करोड़ रुपये का गबन। पर्यटन विभाग के निर्माण कार्यों में 1.59 करोड़ रुपये का दुरुपयोग। दून मेडिकल कॉलेज के OPD ब्लॉक निर्माण कार्य में 9.93 करोड़ रुपये का गबन। स्ट्रीट लाइटों के ढांचों की मरम्मत और ABC केबल बिछाने के काम में 5.62 करोड़ रुपये का दुरुपयोग। एक प्रकरण में 109.71 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता।
कौशल विकास विभाग में भी अनियमितता
इसके अलावा, उत्तराखंड के कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग में भी वित्तीय अनियमितता का एक और मामला सामने आया है। विभाग ने 15 राजकीय ITI (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) के लिए 15.17 करोड़ रुपये जारी किए थे। इनमें से छह संस्थान भूमि उपलब्ध न होने के कारण नहीं बन पाए, लेकिन इनके लिए जारी किए गए करीब छह करोड़ रुपये अन्य विभागों के कार्यों में खर्च कर दिए गए। इस राशि का समायोजन अभी तक नहीं हो पाया है।