देहरादून: उत्तराखंड में पंचायती राज एक्ट में संशोधन के लिए तैयार अध्यादेश को राजभवन ने बिना मंजूरी के वापस लौटा दिया है, जिससे प्रदेश की 10,760 त्रिस्तरीय पंचायतों में संवैधानिक संकट पैदा हो गया है।
इन पंचायतों में प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पुनर्नियुक्ति के लिए पंचायती राज विभाग ने आनन-फानन में अध्यादेश का प्रस्ताव तैयार किया था।हालांकि, विधायी विभाग की आपत्तियों के बावजूद यह अध्यादेश राजभवन को भेजा गया था। राजभवन ने इसे अस्वीकार कर वापस लौटाने का फैसला किया, जिसके चलते पंचायतें प्रशासनिक रूप से खाली हो गई हैं।
इस स्थिति ने ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक कार्यों पर असर डाला है और संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। पंचायती राज विभाग अब इस मसले पर नए सिरे से विचार कर रहा है, जबकि विपक्ष ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है।