दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बच्चों के लिए बैंकिंग नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब 10 साल या उससे अधिक उम्र के बच्चे स्वयं सेविंग्स अकाउंट या टर्म डिपॉजिट अकाउंट खोल सकेंगे और उसे ऑपरेट कर सकेंगे। RBI ने बैंकों को इसकी अनुमति दे दी है, लेकिन बैंक अपनी रिस्क मैनेजमेंट पॉलिसी के आधार पर शर्तें तय कर सकते हैं।
बैंकों को 1 जुलाई 2025 तक इन नए नियमों के अनुसार अपनी नीतियाँ तैयार करने या मौजूदा नियमों में बदलाव करने का निर्देश दिया गया है।
मुख्य बिंदु
पहले के नियम:अभी तक किसी भी उम्र के बच्चे के लिए अकाउंट माता-पिता या कानूनी अभिभावक के माध्यम से खोला जाता था, और उसे अभिभावक ही ऑपरेट करते थे।18 साल की उम्र होने पर अकाउंट बच्चे के नाम पूरी तरह ट्रांसफर हो सकता था।कुछ बैंक, जैसे SBI (पहला कदम खाता) और HDFC (किड्स एडवांटेज अकाउंट), पहले से ही 10 साल से अधिक उम्र के बच्चों को विशेष अकाउंट खोलने और ऑपरेट करने की सुविधा दे रहे हैं।
नए नियम:खुद ऑपरेट करने की सुविधा: 10 साल या उससे अधिक उम्र के बच्चे अब अपने अकाउंट को स्वयं ऑपरेट कर सकेंगे।
बैंक तय करेंगे सीमाएँ:
बैंक अपने नियमों के आधार पर निम्नलिखित सीमाएँ तय कर सकते हैं:जमा और निकासी की सीमा।एक बार में निकाले जा सकने वाले पैसे की सीमा।सुविधाएँ: बैंक बच्चों को इंटरनेट बैंकिंग, ATM/डेबिट कार्ड, और चेकबुक जैसी सुविधाएँ दे सकते हैं, लेकिन यह उनकी रिस्क पॉलिसी पर निर्भर करेगा।
18 साल पर नए साइन: जब बच्चा 18 साल का होगा, तो बैंक को नए हस्ताक्षर लेने होंगे। यदि अकाउंट अभिभावक चला रहे थे, तो बैलेंस की पुष्टि की जाएगी और नए नियमों की जानकारी दी जाएगी।