कुट्टू के खुले आटे पर प्रतिबंध: हरिद्वार से देहरादून तक फैला खराब आटा का कांड

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नवरात्रि में सावधान! खुले कुट्टू के आटे से फूड पॉइजनिंग का खतरा, सरकार ने जारी किए सख्त दिशा-निर्देश

हल्द्वानी/हरिद्वार। उत्तराखंड में कुट्टू के खुले आटे की बिक्री पर प्रतिबंध के बाद भी दूषित आटे से फूड पॉइजनिंग के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। सितारगंज में फेल हुए सैंपल के बाद अब हरिद्वार के लक्सर और देहरादून में 150 से अधिक लोग बीमार पड़ चुके हैं, जिनमें कई को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।

सितारगंज में कुट्टू के आटे का सैंपल फेल मिलने के बाद संदेह है कि जिस फर्म ने यह कुट्टू का आटा दुकानदार को दिया, उसने कुमाऊं के कई अन्य दुकानदारों को भी इस आटे की सप्लाई की होगी। इससे लगता है कि अब भी बाजार में बड़ी मात्रा में खराब कुट्टू का आटा उपलब्ध है। इसको लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग अलर्ट हो गया है।

खाद्य सुरक्षा उपायुक्त कुमाऊं डॉ. राजेंद्र सिंह कठायत ने बताया कि नवरात्र पर खाद्य पदार्थों की बिक्री और इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने प्रदेश में कुट्टू के खुले आटे की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है

कैसे पहचानें खराब आटा?

  • रंग और गंध: खराब आटा हरा या ग्रे दिख सकता है और इसमें से बासी या किण्वित गंध आती है।
  • पैकेजिंग: निर्माण तिथि और FSSAI नंबर की जांच अवश्य करें।
  • स्वयं पिसवाएं: साबुत कुट्टू के बीज खरीदकर घर पर पिसवाना सुरक्षित विकल्प है।
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