नैनीताल। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के न्यायाधीश, हरविंदर कौर ओबेरॉय और बी. आनंद ने उत्तराखंड के चर्चित आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के मामलों की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। चतुर्वेदी के मामले में यह तेरहवां ऐसा केस है, जिसमें किसी न्यायाधीश ने अपने आपको सुनवाई से अलग किया है। बताया जाता है इससे पहले माफिया अतीक अहमद के मामले में 10 न्यायाधीशों ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था।
चतुर्वेदी की मूल्यांकन रिपोर्ट (एप्रेजल रिपोर्ट) से संबंधित मामले की सुनवाई के बाद पारित आदेश में खंडपीठ ने 19 फरवरी को रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि भविष्य में संजीव चतुर्वेदी के मामलों को उनके सामने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध न किया जाए। हालांकि आदेश में कोई कारण उल्लेखित नहीं किया गया है। अब तक सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीश, नैनीताल हाईकोर्ट के दो जज, कैट के अध्यक्ष, शिमला की एक निचली अदालत के न्यायाधीश और दिल्ली एवं इलाहाबाद पीठ के सात कैट न्यायाधीश चतुर्वेदी के मामलों से स्वयं को अलग कर चुके हैं।