दिल्ली ।जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले, जिसमें 27 लोगों की मौत हुई और 20 से अधिक घायल हुए, के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच सख्त फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में ढाई घंटे चली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की बैठक में ये निर्णय लिए गए। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
भारत के पांच बड़े फैसले:
सिंधु जल समझौता स्थगित: 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय रूप से समाप्त नहीं करता। यह कदम पाकिस्तान की जल आपूर्ति को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि सिंधु और उसकी सहायक नदियाँ (झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास, सतलुज) वहाँ लाखों लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
अटारी-वाघा बॉर्डर बंद: एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार करने वाले लोग 1 मई 2025 तक इस मार्ग से वापस लौट सकते हैं। यह भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार और लोगों के आवागमन का प्रमुख रास्ता था।
पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द: पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना (SVES) के तहत भारत यात्रा की अनुमति नहीं होगी। पहले जारी किए गए सभी SVES वीजा रद्द कर दिए गए हैं। भारत में मौजूद ऐसे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।
पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों को निष्कासित: नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति (persona non grata) घोषित किया गया है। उन्हें एक सप्ताह में भारत छोड़ना होगा। भारत भी इस्लामाबाद में अपने समकक्ष सलाहकारों को वापस बुलाएगा। दोनों उच्चायोगों में ये पद समाप्त कर दिए गए हैं। पांच सहायक कर्मचारियों को भी वापस बुलाया जाएगा।
भारत और पाकिस्तान के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या को मौजूदा 55 से घटाकर 30 किया जाएगा, जिसे 1 मई 2025 तक लागू किया जाएगा।