रुड़की। सिविल अस्पताल में पुलिस की नाक के नीचे से फरार हुआ खूंखार बदमाश अंशुल सैनी आखिरकार सात घंटे की भागदौड़ के बाद पकड़ा गया। सोमवार रात मुठभेड़ में पैर में गोली खाने वाला यह शातिर अपराधी मंगलवार सुबह टॉयलेट की खिड़की से कूदकर फरार हो गया था। पुलिस में हड़कंप मचते ही पूरे जिले में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। सात घंटे की कड़ी मशक्कत और जगह-जगह चेकिंग के बाद पुलिस ने उसे पनियाला रोड से धर दबोचा। इस धरपकड़ के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली, लेकिन सवाल यह है कि आखिर इतनी सख्त निगरानी में यह बाज कैसे उड़ गया?
कहानी में ट्विस्ट: भगवानपुर के बहादुरपुर रेलवे फाटक के पास सोमवार रात करीब 10 बजे पुलिस को दो संदिग्ध बाइक सवारों की सूचना मिली। पुलिस ने घेराबंदी की तो बदमाशों ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं। जवाबी कार्रवाई में अंशुल सैनी के पैर में गोली लगी और वह खेतों में जा गिरा, जबकि उसका साथी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला। घायल अंशुल को रुड़की सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां तक तो सब ठीक था, लेकिन मंगलवार सुबह करीब 8 बजे उसने टॉयलेट जाने का बहाना बनाया और खिड़की से छलांग लगा दी। दो पुलिसकर्मियों की निगरानी के बावजूद यह फिल्मी स्टाइल वाला एस्केप पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया।
सात घंटे का पीछा: बदमाश के फरार होते ही एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल के निर्देश पर एसपी देहात शेखर चंद्र सुयाल, सीओ नरेंद्र पंत और सीओ विवेक कुमार भारी पुलिस बल के साथ अस्पताल पहुंचे। पूरे जिले में नाकेबंदी और चेकिंग शुरू हुई। आखिरकार दोपहर में पनियाला रोड पर अंशुल को दबोच लिया गया। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि फरारी के दौरान वह किन-किन लोगों के संपर्क में था और उसकी मंशा क्या थी। साथ ही, उसके खिलाफ एक नया केस भी दर्ज कर दिया गया है।कौन है अंशुल सैनी? हरचंदपुर, मंगलौर का यह बदमाश फरवरी में पुहाना में हुई लूट का मुख्य आरोपी था। उसके खिलाफ पहले से दो आपराधिक मामले दर्ज हैं। मुठभेड़ के बाद उसकी हिम्मत और पुलिस की चूक ने इस कहानी को और रोमांचक बना दिया।
लापरवाही की जांच: एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने इस चूक को गंभीरता से लिया है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच एसपी सिटी पंकज गैरोला मेहरा को सौंपी गई है। एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई है, जिसके आधार पर दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त विभागीय कार्रवाई होगी।